देवेंद्र मिश्रा DNA : धमतरी पुलिस ने 2019 में हुए अंधे कत्ल के मामले से पर्दा हटा दिया
दरअसल धमतरी के रुद्री रोड स्थित जैन सुपर मार्केट के सामने एक अज्ञात पुरुष नाले में गिरा हुआ मिला जिसे आसपास के लोग उसे उपचार हेतु जिला अस्पताल धमतरी लेकर गए, अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। इस संबंध में थाना कोतवाली जिला धमतरी में मर्ग कायम कर जांच के दौरान पंचनामा एवं पोस्टमार्टम कराया गया। इसी दौरान उसकी शिनाख्त गोविंद यादव पोटियाडीह धमतरी के रूप में हुई। मृतक गोविंद यादव के पोस्टमार्टम रिपोर्ट से उसकी हत्या किया जाना स्पष्ट होने पर अज्ञात आरोपी के विरुद्ध धारा 302 के तहत अपराध कायम कर विवेचना में लिया गया।
उक्त मामला अंधे कत्ल का था, जिसमें अज्ञात आरोपी के विरुद्ध कोई ठोस सुराग नहीं मिल रहा था। तफ़्तीश में मामले के हर पहलुओं पर बारीकी से जांच की जा रही थी। साथ ही मृतक के परिजन व अन्य लोगों से पूछताछ किया गया। घटनास्थल पर मृतक गोविंद के नाली में गिरने के समय तक उसके मोहल्ले के ही पांच लोगों के उस समय उसके साथ में रहने की जानकारी प्राप्त हुआ। सभी को पकड़कर तकनीकी सूत्रों से मिली साक्ष्य के आधार पर उनकी पहचान कर उनसे पृथक-पृथक पूछताछ किया गया। प्रारंभिक पूछताछ में संदेहियो द्वारा तथ्यों को छुपाते हुए गुमराह करने की कोशिश की गई, किंतु लगातार पूछताछ करने से संदेही अपने ही बयान में उलझते चले गए और अंततः घटना में शामिल पांचों संदेही ने अपराध स्वीकार करते हुए बताएं कि घटना दिनांक को गोविंद यादव को अपने मोटरसाइकिल में बैठाकर ओजस्वी नर्सिंग होम के सामने मैदान के पास स्थित नाला में मछली मारने के दौरान गोविंद यादव शराब के नशे में गाली-गलौच करने लगा जिसे मना करने पर भी नहीं मान रहा था तथा उसके शोर करने के कारण मछलियां नहीं पकड़ा रही थी। तब धर्मेंद्र ढ़ीमर, लोकेश नागरची, हेमंत यादव एवं गिरधर विश्वकर्मा ने उसके साथ मारपीट किए तथा आवेश में आकर मुकेश यादव ने वही पास पड़े लकड़ी के बेंत से गोविंद यादव के सिर में जोर से मारा और साक्ष्य छिपाने के उद्देश्य से गोविंद यादव के मोबाइल को अपने पास रखे रहा।
आरोपियों के कब्जे से घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल को बरामद करते हुए उपलब्ध साक्ष्य, आरोपियों के मेमोरेंडम कथन व अपराध स्वीकारोक्ति के आधार पर पांचो आरोपियो को गिरफ्तार कर वैधानिक कार्यवाही की जा रही है, जिन्हें माननीय न्यायालय के समक्ष पेश कर न्यायिक रिमांड प्राप्त किया जाता है।