देवेंद्र मिश्रा :: DNA धमतरी - वैसे लोगो मे इसको लेकर काफी उत्सुकता है और वे धार्मिक नजरिये से भी जोड़कर देख रहे है ---उनका मानना है कि इस नवीन पहल से गोधन रक्षा की योजना भी सफल होगी और प्रदूषण भी कम होगा --- छत्तीसगढ़ में इस बार की दीवाली मे गोबर का महत्व बढ़ गया है। इस बार राज्य के बीजापुर जिले में राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत् ग्रामीण एवं शहरी क्षे़त्र के गौठानों में महिला स्व-सहायता समूह की महिलाएं गोबर से आकर्षक एवं सुन्दर दीये बना रही है।
वैसे आमतौर दिवाली में दीये और दीगर सामान मिट्टी से बनाये जाते है परंतु इस बार दीयों के साथ-साथ विभिन्न आकर्षक होेम डेकोरेशन, स्वास्तिक, शुभ-लाभ, धूपबत्ती, लक्ष्मी गणेश जी की मूर्ति एवं गमला भी गोबर से बनाये जा रहे है। दुकानदारो की मांग के मुताबिक विभिन्न गौठानों में दीये बनाये जा रहे। जिससे स्व-सहायता की महिलाएं अतिरिक्त आय अर्जित कर पायेगी।
आदिवासी अंचल बस्तर के दीया बनाने वाले समूह में भैरमगढ़ ब्लाक के ग्राम पंचायत पातर पारा, बीजापुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत धनोरा शहरी गौठानों सहित विभिन्न गौठानों में महिला स्व-सहायता समूहों ने दीया को रंग-रोगन कर आकर्षक कलाकृति उकेर की आधुनिक रुप दिया है। जिसे स्थानीय बाजार में विक्रय के लिए उतारा जायेगा। इस अनूठे कार्य करने के लिये जिला प्रशासन द्वारा मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहन दिया जा रहा है। गोबर से बने दीया पूर्ण रुप से ईको फ्रेंडली है। इसे उपयोग के बाद खाद के रूप में गमलो या बाड़ियों में उपयोग किया जा सकता है।----धमतरी में भी विधायक रंजना साहू सहित समाजसेवी रितुराज पवार विजय मोटवानी ज्योति गुप्ता ,सरिता दोषी प्राप्ति वासानी ,कामिनी कौशिक -प्रभा मिश्रा --बरखा शर्मा प्राची सोनी हेमलता शर्मा और अधिवक्ता पार्वती वाधवानी ने --गोबर से बनने वाली इन कलाकृतियों को अदभुत बताया और लोगो से अपील की वे दिवाली में पूजा करने से घरो की सजावट में इसका इस्तेमाल करे -