रायपुर- हाल ही में कवर्धा में हुए सांप्रदायिक विवाद ने बड़ा राजनीतिक रुख ले लिया कवर्धा में हुए विवाद से पूरे छत्तीसगढ़ में हलचल मच गई फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और कवर्धा की घटना को लेकर मंत्री रवींद्र चौबे, मंत्री मो. अकबर, मंत्री डॉ. प्रेम साय सिंह टेकाम ने प्रेस वार्ता आयोजित की. रवींद्र चौबे ने सवाल उठाते हुए कहा कि आईंजी ने कौन सी बात कही. एक रात पहले बाहर के लोगों को क्यों ठहराया गया. किसने उन्हें बुलाया, ठहराया. उन्होंने कहा कि मुंगेली, बिलासपुर, माना से लोग ने वहां जाकर जुलूस निकाले. इसके पीछे भाजपा का हाथ है. एक सामान्य घटना को सांप्रदायिक रूप दिया जा रहा है. कवर्धा में माहौल खराब किया गया.
मंत्री ने कहा कि मामले को सांप्रदायिक रंग दिया गया. भाजपा ने अशांति का माहौल बनाने का काम किया. यही नहीं भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने रैली निकाली. सुकमा के मुद्दे को धर्मान्तरण का मुद्दा बनाए जाने की दलील देते हुए कवर्धा की घटना को भाजपा की ओर से प्रायोजित बताते हुए कहा कि कवर्धा में दूसरे जिलों से लोगों को बुलाया गया. मंत्रियों ने कहा कि कवर्धा के लोग शांति प्रिय है. घटना के बाद हालात में सुधार को देखते हुए कर्फ्यू में ढील दी गई है और साथ ही साथ भूपेश सरकार ने माना कि कवर्धा की घटना में प्रशासन से चूक हुई है. सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों ने घटना को भाजपा की ओर से प्रायोजित बताते हुए इसे जानबूझकर सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाया. इसके साथ ही स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश है घटना में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी