BIG NEWS-कोरोना के मद्देनजर रावण दहन को लेकर अपर कलेक्टर ने जारी किए दिशा निर्देश, पढिये पूरी खबर। - DNA

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गुरुवार, 14 अक्टूबर 2021

BIG NEWS-कोरोना के मद्देनजर रावण दहन को लेकर अपर कलेक्टर ने जारी किए दिशा निर्देश, पढिये पूरी खबर।

रायपुर:- रायपुर के अपर कलेक्टर ने बुधवार को दशहरा आयोजन के दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। प्रशासन द्वारा जारी दिशा निर्देश के मुताबिक रावण दहन में मुख्य अतिथि सहित मैदान की क्षमता से 50 प्रतिशत से अधिक लोग नहीं आ सकते। रावण दहन के किसी कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रम, भंडारा और पंडाल लगाने की अनुमति नहीं होगी। वहीं, डीजे-धुमाल और बैंड-बाजे को भी मना कर दिया गया है। प्रशासन ने आयोजन में किसी अतिरिक्त साज-सज्जा और झांकी को भी प्रतिबंधित कर दिया है। आयोजन में शामिल प्रत्येक व्यक्ति को शारीरिक दूरी का पालन करना, मास्क लगाना और समय-समय पर हाथ को सैनिटाइज करते रहना अनिवार्य होगा। ऐसा नहीं करने वालों पर प्रशासन महामारी कानून के तहत कार्रवाई भी कर सकता है।
प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार कंटेनमेंट जोन में पुतला दहन की अनुमति नहीं होगी। यदि पुतला दहन कार्यक्रम की अनुमति के बाद यदि उस क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित किया जाता है, कार्यक्रम को तत्काल निरस्त कर दिया जाएगा। वहां कंटेनमेंट जोन के सभी प्रतिबंध लागू हो जाएंगे। इसके साथ ही आयोजन के दौरान किसी प्रकार के अस्त्र- शस्त्र प्रदर्शन पर रोक रहेगी, दशहरा स्थल पर आने वालों को रजिस्टर में अपना नाम- पता और मोबाइल नंबर लिखना होगा। आयोजक द्वारा दशहरा स्थल पर रजिस्टर रखा जाएगा। इसके साथ ही आयोजकों और दर्शकों को मास्क लगाना अनिवार्य होगा। वहीं आयोजन में नाच-गाना और डीजे-धुमाल की अनुमति नहीं मिलेगी। इसके साथ ही आयोजन के दौरान सैनिटाइजर, थर्मल स्क्रीनिंग, आक्सीमीटर, हैंडवाश और क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था की जाएगी। थर्मल स्क्रीनिंग में बुखार आने पर जिम्मेदारी आयोजक की होगी।
आयोजन के दौरान किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो, इसके लिए पर्याप्त संख्या में वालंटियर रखने का निर्देश जारी किया है। आयोजन के दौरान स्थानीय थाना प्रभारी, जोन कार्यालय को सूचित करना अनिवार्य है। कार्यक्रम में आयोजन के दौरान आग से बचने के लिए एहतियाती कदम उठाने का भी निर्देश दिया है। इसके तहत रावण दहन स्थल से 100 मीटर के दायरे की बैरिकेडिंग होनी है। वहां आग बुझाने की पर्याप्त व्यवस्था अनिवार्य होगी। आयोजकों को एनजीटी और प्रदूषण कानूनों का भी ध्यान रखना होगा

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