राजस्थान के उदयपुर में जेंडर रेस्पॉन्सिव गवर्नेंस पर तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन आज़ादी के अमृतमहोत्सव पर राष्ट्रीय महिला आयोग के साझे से लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी के नेशनल जेंडर एंड चाइल्ड सेंटर की ओर से आयोजित किया गया, उदयपुर के होटल रेडिसन ब्लू में आयोजित इस तीन दिवसीय कार्यशाला में 6 प्रदेशों से 45 से अधिक महिला विधायक भाग ले रहीं हैं, इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सभी स्तर पर महिला जनप्रतिनिधियों के नेतृत्व में कौशल में सुधार करना और उनकी क्षमता को बढ़ाना है। उनको अपनी शक्तियों के प्रति संवेदनशील बनाना, उनकी सहायता करना और आत्म जागरूकता का स्तर बढ़ाने को है, ताकि समाज और राजनीति के चुनौतीपूर्ण रास्तों पर आगे बढ़ाने में मदद मिल सके, जिसके लिए शी इज़ ए चेंजमेकर के मूलमंत्र को लेकर यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
तीन दिवसीय इस कार्यशाला का उद्घाटन तेलंगाना की राज्यपाल तमिलीसै सौंदरराजन ने किया,जिसमें उन्होंने महिला प्रतिनिधियों की भूमिका को समाज के लिए जरूरी बताया, तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसै सौंदरराजन ने पहले सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि देश में महिला जनप्रतिनिधि समाज के स्तर को बढ़ाने और समाज को बेहतरीन करने के लिए सेवा करना चाहती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि महिलाओं के लिए सार्वजनिक जीवन में आकर राजनीति करना आसान काम नहीं है, फिर भी महिलाएं सभी चुनौतियों को पार करते हुए आगे बढ़ी हैं।
धमतरी विधायक रंजना डिपेंद्र साहू ने कहा महिलाएं प्रत्येक स्तर पर अपने रचनात्मक कार्यों से सशक्त भारत के लिए अपना परम योगदान दें रहीं है,उनका सामाजिक जीवन में आना नए भारत के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करेगा, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने नारी सशक्तिकरण के साथ महिलाओं की राजनीति में बेहतर भागीदारी सुनिश्चित की है, वहीं महिला जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षित करने ऐसे शिविर निश्चित ही हमें अधिक प्रबलता के साथ जनसेवा और समाज के उत्थान की दिशा में कार्य करने प्रेरित करेंगे।
कार्यक्रम में राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र और उड़ीसा के विधायक शामिल हो रही है। 23 सितंबर को समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके होंगी।