आज के समय में हर चीज ऑटोमेटिक होती जा रही है. किसी भी काम को करने के लिए अब बहुत ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती. पर आज भी कई घरों में सिलबट्टे का इस्तेमाल किया जाता है. क्योंकि सिलबट्टे में बनी चीजों का स्वाद अलग ही होता है इसलिए सिलबट्टे पर चटनी और मसाले पीसे जाते हैं. परंतु, सिलबट्टे को व्यक्ति घर में किसी भी कोने में जहां-तहां रख देता है, जबकि वास्तु के अनुसार ऐसा नहीं करना चाहिए.
वास्तु शास्त्र में रसोई से जुड़े टिप्स तो दिए ही जाते हैं साथ ही सिलबट्टे को लेकर भी कई तरह की सलाह दी जाती हैं. इन वास्तु टिप्स को ध्यान में ना रखा जाए तो माना जाता है कि घर-परिवार को कई तरह के नुकसान भी झेलने पड़ सकते हैं. जानिए सिलबट्टे को घर में रखने की दशा और दिशा से जुड़े कुछ वास्तु टिप्स.
सिलबट्टे को रखने की सही दिशा के संबंध में वास्तु शास्त्र का कहना है कि इसे ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा में रखा जाना चाहिए.
सिलबट्टे को कभी भी पश्चिम या दक्षिण दिशा में रखने की सलाह नहीं दी जाती. वास्तु के अनुसार गलत दिशा में सिलबट्टा रखने पर नुकसान झेलने पड़ते हैं.
सिलबट्टे को इस्तेमाल करने के बाद हमेशा साफ करके रखने की सलाह दी जाती है. सिलबट्टे को दोनों हिस्सों को अच्छी तरह से पानी से धो लेना चाहिए सिर्फ गीला कपड़ा मारकर ही नहीं छोड़ना चाहिए.
सिलबट्टे को धोते समय इस बात का खास ध्यान दिया जाता है कि इसे साबुन से ना धोया जाए.
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में टूटा हुआ सिलबट्टा नहीं रखना चाहिए, इससे नकारात्मक ऊर्जा आ सकती है.
सिलबट्टे को जमीन पर लेटाकर नहीं रखा जाता बजाय इसके सिलबट्टा दीवार से लगाकर खड़ा करके रखते हैं. इससे सिलबट्टा खराब भी नहीं होता है.
वास्तु के अनुसार सिलबट्टे को घर में हमेशा एकसाथ रखना चाहिए. दोनों को अलग-अलग रखने की गलती नहीं करनी चाहिए.
यदि पत्थर के बजाय लकड़ी का सिलबट्टा इस्तेमाल किया जा रहा है तो सिलबट्टा नीम की लकड़ी का होना चाहिए. नीम के सिल बट्टे को घर पर रखने से सकारात्मकता आती है और स्वास्थ के लिए भी यह लाभकारी होता है.