धमतरी शहर में यातायात नियंत्रण के लिए यातायात पुलिस काम कर रही है. लेकिन शहर में घूम कर हालात देखें तो काम होता हुआ नहीं दिखाई देता! वैसे अभी तक जिले में यातायात का थाना एक भी नहीं है. एक यातायात की चौकी है.मिली जानकारी के अनुसार इसमें 25 का स्टाफ है पूरे जिले में यातायात का मुख्य प्रभार डीएसपी रैंक के अधिकारी को दिया गया है. उनके नीचे आ रही प्रभारी हैं. और बाकी का स्टाफ है. 25 के स्टॉफ में से 11 पुलिसकर्मी पूरे समय चौकी के अंदर दस्तावेज कामकाज में व्यस्त रहते हैं. बाकी के बचे 14 में से 2 का स्टॉप यातायात पेट्रोलिंग में रहता है और 12 के स्टाफ विभिन्न चौक चौराहों पर और बताए गए पॉइंट पर तैनात रहता है.
अब बात करते हैं यातायात के धमतरी में चुनौतियों की. धमतरी शहर के बीच से एनएच 30 गुजरता है. इसमें राजधानी से बस्तर और दक्षिण भारत आने जाने वाली छोटी-बड़ी हजारों गाड़ियां दिनभर सड़कों में चलती है. इनके अलावा शहर की दोपहिया वाहनों की भारी भीड़ सड़कों पर रहती है. चौराहों पर तैनात पुलिस जवान 6 घंटे की शिफ्ट में ड्यूटी करते हैं. कभी-कभी ज्यादा भीड़ और यातायात दबाव के कारण एक अकेला जवान स्थिति को नियंत्रित करने में नाकाफी साबित होता है. और यहां ट्रैफिक जाम की स्थिति बनती है. कभी-कभी चौराहों में लगे लाइट खराब हो जाते हैं. ऐसी स्थिति में चौक पर खड़ा अकेला पुलिस जवान लाचार हो जाता है. और तमाम कोशिशों के बाद भी वह यातायात के भारी दबाव को झेल नहीं पाता. अब इन सब से हटके शहर के दूसरी सड़कों की तरफ देखें तो धमतरी से सिहावा जाने वाली सड़क पर भारी वाहनों का आना-जाना रहता है. जिसमें ओवरलोडेड रेत के हाईवा बड़ी चुनौती है. इनके अलावा सिहावा रोड पर सुबह से लेकर रात तक आधी सड़क को घेरकर खड़े ट्रक भी यातायात में बड़ी बाधा बनते हैं. इन पर यातायात पुलिस कभी-कभार कार्रवाई करके औपचारिकता पूरी करती रहती है. सड़क पर खड़े ट्रक जिसे अवैध पार्किंग भी कह सकते हैं. इन पर अभी तक कोई बड़ी कार्रवाई सामने नहीं आई है. शहर का जो सदर रोड है यानी घड़ी चौक से लेकर रामबाग तक की सड़क, यहां बीच-बीच में 100 पॉइंट है. जहां पर मामूली सी रुकावट पर ही लंबा लंबा जाम लग जाता है. और लोग फंस जाते हैं. यहां पर कभी यातायात पुलिस दिखती है कभी नहीं दिखती है! नहीं दिखती तो किसी को दोष नहीं दिया जा सकता. लेकिन हो भी तो भी इस तरह के सदर रोड के जाम पर वह काबू नहीं कर पाता!
यातायात पुलिस अपने लक्ष्य और वैध वसूली के लक्ष्य को पाने की कोशिश में शहर के आउटर इलाकों में गाड़ी खड़ी करके ताबड़तोड़ चलानी कार्रवाई करती दिखाई देती है. यहां पर पूरा स्टाफ तन मन लगाकर काम करता है. ताकि धन पर्याप्त आ सके और उसे सर या सरकार के या सरदार के खजाने में समय पर जमा किया जा सके! लेकिन यातायात के जमीनी चुनौतियों पर पार पाने में धमतरी यातायात पुलिस अभी तक पूरी तरह से सफल नहीं हो सकी है ??