महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत गठित जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक आज अपर कलेक्टर चंद्रकांत कौशिक की अध्यक्षता में आहूत की गई जिसमें विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई। बैठक में शिक्षा विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, पुलिस विभाग, समाज कल्याण, आदिम जाति विकास विभाग, श्रम, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास विभाग से प्राप्त आवेदनों पर चर्चा की गई। इसके अलावा तथा चाइल्ड लाइन से संबंधित एजेण्डे पर रायशुमारी की गई। कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आज दोपहर 12 बजे से आयोजित बैठक में अपर कलेक्टर ने पॉक्सो पीड़ित बालिका की शिक्षा अनवरत जारी रखने, बाल विवाह रोकने के लिए गांवों में सतत् मुनादी कराने तथा ग्राम पंचायत स्तर पर गठित समिति की बैठक लेकर समीक्षा करने तथा पंचायत स्तर पर पलायन पंजी संधारित करने के निर्देश संबंधित विभागों के अधिकारियों को दिए।
इसके अलावा बाल गृह में निवासरत बालक हेतु आवास का लाभ प्रदाय करने, नाबालिग किशोरों को व्यसन से दूर रखने तथा नशा मुक्ति केन्द्र संचालित करने, मानसिक दिव्यांग बालकों को शासकीय योजनाओं से लाभान्वित करने, भिक्षावृत्ति, अपशिष्ट संग्राहकों, बालश्रम में लिप्त बालकों का संयुक्त रूप से रेस्क्यू करने, प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में स्थापित शिशु पालना सेंटर का नियमित संचालन करने सहित विभिन्न विषयों पर चर्चा बैठक में की गई। बैठक में बताया गया कि बाल कल्याण समिति में विभिन्न कारणों से कुल 25 प्रकरण लम्बित हैं, जिन पर उच्चाधिकारियों के परामर्श के अनुरूप कार्रवाई की जा रही है। इसी तरह किशोर न्याय बोर्ड में वर्तमान में 74 प्रकरण लंबित हैं, जबकि बालगृह में वर्तमान में 29 बच्चे निवासरत हैं। बैठक में संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।