धमतरी:: जैन धर्म के प्रमुख तीर्थ सम्मेद शिखर पर पर्यटन स्थल नहीं बनाने संबंधित केन्द्र सरकार के फैसले का जैन समाज ने स्वागत करते हुए कहा कि यह समाज की जीत है।
जैन श्वेतांबर मुर्ति पूजक संघ के अध्यक्ष विजय गोलछा ने कहा कि सरकार के निर्णय से समाज में हर्ष व्याप्त है। उन्होंने कहा कि सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा के बाद से पूरे देश में जैन समाज आंदोलनरत था। जैन समाज के आंदोलन को देखते हुए केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने 2019 को फैसला वापस लेते हुए इस क्षेत्र में पर्यटन पर रोक लगा दी है। श्री गोलछा ने कहा कि सुप्रसिद्ध जैन तीर्थ स्थल श्री सम्मेद शिखर सहित सभी जैन तीर्थ स्थलों की पवित्रता बनाए रखने के लिये केन्द्र सरकार के एतिहासिक निर्णय के लिये जैन समाज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति कृतज्ञता प्रकट करता है। प्रधानमंत्री ने शांतिप्रिय जैन समाज की भावनाओं एवं अपने तीर्थस्थल के प्रति श्रद्धा के भाव को महसूस किया और तीर्थस्थल की पवित्रता और गरिमा को बनाए रखने का निर्णय लिया। इसके लिए संपूर्ण जैन समाज प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करता है।
बता दें कि सम्मेद शिखर झारखंड के गिरिडीह में स्थित जैन समुदाय का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। यह तीर्थ स्थल पारसनाथ पहाड़ी पर स्थित है। सम्मेद शिखर को दिगंबर और श्वेतांबर दोनों संप्रदायों द्वारा सबसे महत्वपूर्ण जैन तीर्थ (तीर्थ स्थल) माना जाता है। इस पुण्य क्षेत्र में जैन समाज के 24 में से 20 तीर्थंकरों ने मोक्ष की प्राप्ति की।