बिलासपुर;- तमाम प्रतिबंध के बाद भी नशीली दवाओं व इंजेक्शन का कारोबार बढ़ता ही जा रहा है और युवा वर्ग नशे के गिरफ्त में आकर अपना जीवन खराब कर रहे है। ऐसे में नशीली दवाओं की अवैध बिक्री रोकने की कवायद शासन स्तर पर शुरू कर दी गई है। इसी के तहत शासन से निर्देश मिला है कि अब दवा के आनलाइन बाजार पर भी नजर रखा जाए, ताकि आनलाइन आने वाले नशीली दवाओं के कारोबार पर लगाम लगाया जा सके।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग लगातार मेडीकल स्टोर, थोक दवा एजेंसियों में छापामार कार्रवाई कर रही है। जहां नशीली दवा बेचे जाने के मामले भी सामने आ रहे हैं। ऐसे में संबंधित दवा प्रतिष्ठान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। लेकिन इन सब के बीच यह बात भी सामने आ रही है कि आनलाइन दवा बाजार से भी बड़ी संख्या में नशे की दवाइयां व इंजेक्शन मंगाया जा रहा है, जिसका हिसाब खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के पास भी नहीं होता है, क्योंकि आनलाइन के माध्यम से सीधे कंपनी दवा की सप्लाई कर देती है।
ऐसे में अब आनलाइन दवा बाजार पर निगरानी रखने के निर्देश मिल गए है। खाद्य एवं औषधीय प्रशासन विभाग के एडीसी रवि गेंदले ने बताया कि नशीली दवाओं की बिक्री रोकने के लिए शासन ने कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए है। इसके तहत जांच शुरू हो चुकी है।
आनलाइन दवा खरीदने में किसी भी डाक्टर के पर्ची की आवश्यता नहीं होती है। कोई भी आनलाइन दवा कंपनी के पोर्टल में जाकर किसी भी प्रकार की दवाओं का आर्डर आसानी से कर सकता है। आर्डर होने के बाद आपातकालीन सेवा के नाम पर दवाएं जल्द से जल्द संबंधित के पास पहुंचाई जाती है। इसी का फायदा उठाकर कई लोग नशीली दवा मंगा रहे है।