नई दिल्ली। कोरोना महामारी से कई दिनों तक राहत के बाद एक बार फिर से दुनियाभर की चिंता बढ़ गई है। कोविड-19 का नया वेरिएंट बी.1.1.529 सामने आने के बाद स्वास्थ्य विशेषज्ञ परेशान हैं। वहीं ऐसा भी कहा जा रहा है कि कोरोना का यह नया वेरिएंट AIDS मरीज से विकसित हुआ है, जो अपना इलाज अच्छी तरह से नहीं करवा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक अब तक तीन देशों में इसके सिर्फ 10 मामले ही सामने आए हैं।
विशेषज्ञों ने दी चेतावनी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कंप्युटेशनल सिस्टम बायोलॉजी के प्रोफेसर और यूसीएल जेनेटिक्स इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर फ्रैंकोइस बैलॉउक्स ने इस संबंध में चेतावनी दी है। उनका कहना है कि इस वेरिएंट के प्रतिरक्षाविहीन व्यक्ति के पुराने संक्रमण के दौरान विकसित होने की आशंका है। वहीं साइंस मीडिया सेंटर की ओर से जारी प्रेस रिलीज के अनुसार बैलॉउक्स ने कहा है कि प्रतिरक्षाविहीन व्यक्ति संभवत: अनुपचारित एड्स मरीज था।
कोरोना के B.1.1.529 वेरिएंट के सामने आने के बाद से विशेषज्ञ चिंतित है। उनका कहना है कि समझ नहीं आता कि पी681एच और एन679के दोनों म्युटेशन कैसे साथ में है। यह एक ऐसा कॉम्बिनेशन है, जिसे हम केवल असाधारण तौर पर ही देखते हैं। बताया गया कि नया वेरिएंट 32 म्युटेशन वाला कोरोना वायरस है, जो शरीर की प्रतिरक्षा को भी आसानी से भेदने में सक्षम हो सकता है।
बता दें कि बी.1.1.529 नया वेरिएंट का पहला मामला 11 नवंबर को बोत्सवाना में सामने आया है। इसके तीन दिन बाद दक्षिण अफ्रीका में भी इसी वेरिएंट की पुष्टि की गई। साथ ही हॉन्ग कॉन्ग में 36 साल के एक शख्स में यह वेरिएंट मिला है, जो 22 अक्टूबर से 11 नवंबर तक दक्षिण अफ्रीका में लौटा है। 13 नवंबर को कोरोना परीक्षण के दौरान उसके कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई, इसके बाद से वह क्वांरटाइन है।