धमतरी :: कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी पी.एस. एल्मा ने सम्पूर्ण जिले को आगामी मानसून आगमन अथवा 30 जून तक जलाभावग्रस्त क्षेत्र घोषित किया है। उन्होंने बिना अनुज्ञा के जल अभावग्रस्त क्षेत्र के सिंचन, औद्योगिक प्रयोजन अथवा अन्य प्रयोजन हेतु जल लिए जाने पर प्रतिषेधित किया है।
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने छत्तीसगढ़ पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 3 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए 30 अप्रैल से आगामी मानसून आगमन अथवा 30 जून तक सम्पूर्ण जिले को जलाभाव क्षेत्र घोषित किया है। आदेश में उल्लेख किया गया है कि जिले में औसत से कम वर्षा होने तथा अल्पवृष्टि, खण्डवृष्टि के कारण भूमिगत जल स्तर में लगातार हो रही गिरावट के परिणामस्वरूप लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा निर्मित किए गए विभिन्न पेयजल स्त्रोतों जैसे नलकूप, नलजल प्रदाय योजना, सिंगलफेस पॉवर पम्प इत्यादि से जल की आपूर्ति प्रभावित होने की आशंका है। साथ ही ग्रीष्मऋतु में इसके और भी गहराने की संभावना को दृष्टिगत करते हुए, पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित करने एवं इसकी निरंतरता बनाए रखने के उद्देश्य से बिना कलेक्टर की अनुज्ञा के जल अभाव क्षेत्र में जल स्त्रोत से सिंचन, औद्योगिक प्रयोजन या अन्य प्रयोजन के लिए जल लिया जाना प्रतिषेधित किया गया है। जारी आदेश में कहा गया है कि अधिनियम 1986 की धारा 4 के अंतर्गत- इस शर्त के अध्याधीन होगी कि कलेक्टर उन कारणों से, जो लेखबद्ध किए जाएंगे, आदेश द्वारा जल स्त्रोत से ऐसी कालावधि के लिए, जो ऐसे आदेश में विनिर्दिष्ट की जाए, जल के लिए जाने का प्रतिवेध कर सकेगा यदि उसकी राय में ऐसे जल स्त्रोत से विनिर्दिष्ट कालावधि के दौरान जल के लिए जाने का लोकहित में प्रतिषेध करना इस उद्देश्य से आवश्यक है कि ऐसे जल स्त्रोत से जनता को घरेलू प्रयोजनों के लिए जल प्रदाय सुनिश्चित करने के लिए जल का परिरक्षण किया जा सके। उक्त अधिनियम की धारा 06 के तहत जिले में उपरोक्त अवधि में सक्षम अधिकारी की पूर्वानुमति के बिना कोई नया नलकूप पेयजल अथवा पेयजल के अलावा किसी अन्य प्रयोजन के लिए खनन नहीं किया जा सकेगा, लेकिन शासकीय एजेंसी जैसे लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को सम्पूर्ण जिले में तथा नगरपालिक निगम एवं नगर पंचायत को केवल पेयजल हेतु अपने नगरीय निकाय की सीमा के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में नलकूप खनन हेतु अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। उन्हें केवल इस अवधि में खनन कराए गए नलकूपों की जानकारी प्राधिकृत अधिकारी को भेजनी होगी।
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने उक्त आदेश के सफल क्रियान्वयन के लिए प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त किया है। इसके अनुसार अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी को नगरपालिक निगम सीमा के सम्पूर्ण क्षेत्र के लिए तथा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व धमतरी, कुरूद और नगरी को अधीनस्थ क्षेत्रों के लिए प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त किया है। उन्होंने कहा है कि छत्तीसगढ़ पेयजल परिरक्षण अधिनियम में उल्लेखित प्रावधानों के उल्लंघन में नलकूप खनन पाया जाता है या जल स्त्रोतों का दोहन करते पाया जाता है तो संबंधित के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई सुनिश्चित करें। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा।