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DHAMTARI:: रोग उपचार एवं उपचर्या गृह संबंधी स्थापनाओं के लिए दिशानिर्देश जारी


धमतरी :: छत्तीसगढ़ राज्य उपचर्या गृहों तथा रोग उपचार संबंधी स्थापनाएं अनुज्ञापन अधिनियम 2010 एवं नियम 2013 के तहत एलोपैथिक, आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी चिकित्सा, सिद्ध एवं होम्योपैथी (आयुष पद्धति) से संबंधित अस्पतालों में नियम का पालन करते हुए क्रियान्वयन करने की पूर्व सूचना दी गई है। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. डीके तुरे ने बताया कि उक्त अधिनियम के तहत लायसेंस प्राप्त करने के लिए उत्तरदायी प्रत्येक अस्पताल, क्लिनिक, डायग्नोस्टिक सेंटर को इन नियमों से जुड़ी अनुसूची-1 में निर्धारित मानकों को पूरा करना होगा, जिन्हें समय-समय पर संशोधित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इन नियमों की अधिसूचना की तारीख से 09 महीने की समाप्ति के बाद वैध लायसेंस के बिना क्लीनिकल स्थापना को संचालन करने की अनुमति नहीं होगी। इस समयावधि के बाद निरीक्षण के दौरान पाई गई कमियों को पूरा करने के छह माह की अवधि दी जाएगी। मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि पूर्व में अस्थायी रूप से पंजीकृत एवं नवीन स्थापना संचालक को छ.ग. राज्य उपचर्या गृह तथा रोगोपचार संबंधी स्थापनाएं अनुज्ञापन अधिनियम 2010 की धारा-3 के नियम 4 अनुसार लायसेंस प्राप्त करने में विफलता के लिए जुर्माना रूपए 20 हजार के साथ दण्डनीय होगा। उन्होंने कहा है कि विगत नौ माह पूर्व से अस्थायी रूप से पंजीकृत स्थापनाएं जिसे स्थायी लायसेंस प्राप्त नहीं हुआ है, उन्हें सूचित किया जाता है कि 07 दिनों के भीतर आवश्यक अनापत्ति प्रमाण पत्र (अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र, छ.ग. पर्यावरण संरक्षण मंडल रायपुर, एईआरबी, भवन निर्माण, गुमास्ता इत्यादि) के साथ कार्यालयीन समय में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय धमतरी मे अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करें। साथ ही उन्होंने स्थापनाओं में योग्यताधारी चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ, नर्सिंग स्टाफ, सफाई कर्मी, इमरजेंसी किट, आक्सीजन सिलेंडर, अस्पताल द्वारा प्रदत्त मूलभूत न्यूनतम सुविधाएं, ओपीडी ब्लॉक, प्रवेश्ज्ञ क्षेत्र, अंतःरोगी विभाग, सहायक सेवाएं, आवश्यक उपकरण, भौतिक मानक, अपशिष्ट का निबटान की सुविधाएंव व्यवस्था सुनिश्ति करने के लिए निर्देशित किया है।