मुमुक्षु सिद्धी धमतरी गातापार निवासी किशोर कुमार व ललिता नाहर की पुत्री तथा श्रीमती तारा देवी की स्वर्गीय जमुना लाल नाहर की सुपौत्री हैं। उनका नागरिक अभिनंदन बहुमान पारख़ परिवार भखारा तथा जैन श्री संघ भखारा ने करते हुए साध्वी जीवन के उज्जवल भविष्य की कामना किए।
मुमुक्षु सुश्री सिद्धि ने अपने मार्गदर्शन में फरमाया कि बच्चों को धर्म संस्कार माता पिता और समाज से मिलते हैं।माता पिता सजग हों,तो बच्चों का संस्कारवान बनना तय है।यदि समाज परिवार मेसंस्कर की गिरावट आने लगे,तो माता पिता व समाज अपनी कमियों को दूर करने में स्वतः कदम उठाए।
इस अवसर पर भखारा जैन समाज के अलावा बालोद,गातापार, बोरझरा, कोर्रा,पचपेड़ी,धमतरी, डौंडी लोहारा,गुण्डरदेही,रायपुर, दुर्गवादी स्थानों के साधार्मिक जन उपस्थित रहे। श्री आर के फ्यूल्स से शोभायात्रा बरघोड़ा निकलकर निज निवास श्री मंगलम में मंचीय कार्यक्रम में मंगलाचरण,स्वागत गीत, नृत्य,गीत,संगीत,आशीर्वचन,मंगल पाठ हुआ।
सुश्री सिद्धि ने बताया कि यह स्थान उसके लिए महत्वपूर्ण है।यहां बचपन बीता,शिक्षा हुई।और दीक्षा के भाव उत्पन्न हुए। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिला के बोरझरा, गातापार की मुमुक्षु सुश्री सिद्धी नाहर सांसारिक जीवन का त्याग कर संयम पथ अपनाने की घोषणा की है। उनके मन में वैराग्य जागा और उन्होंने साध्वी बनकर धर्म की प्रभावना करने की इच्छा जताई।गुरुदेव राम लाल जी मसा ने उन्हें परिवार जनों की सहमति पर दीक्षा प्रदान करने सहमति दी।
मुमुक्षु सिद्धी की दीक्षा आगामी 3 अगस्त को उदयपुर में होगी। इस घोषणा के बाद साधुमार्गी जैन संघ के साथ श्री संघ ने हर्ष जताते हुए मुमुक्षु का बहुमान किया। जयकारों से गूंज उठा।श्रावकों ने अपनी शुभकामनाएं भी दीं।