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DHAMTARI:: अगले 15 दिनों में गोबर खरीदी और पशु पंजीयन बढ़ाने की कवायद पर ज़ोर,सड़क किनारे के गौठानों में लावारिस पशुओं को रखने की हिदायत

 ज़िले में अगले 15 दिनों में गोबर खरीदी और पशु पंजीयन में अधिक से अधिक वृद्धि होनी चाहिए। इसी तरह सभी गौठानों में हर हाल में सुचारू रूप से गोबर खरीदी की जानी चाहिए। इसके लिए कार्ययोजना बनाकर काम करना होगा। आज प्रदेश के मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल के सलाहकार योजना, नीति, कृषि और ग्रामीण विकास  प्रदीप शर्मा ने नरवा, गरवा, घुरूवा और बाड़ी की ज़िले में प्रगति की समीक्षा करते हुए उक्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना गांव की आर्थिक तरक्की से जुड़ी योजना है। इसका सही तरीके से संचालन सबकी जिम्मेदारी है।

                 कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में दोपहर साढ़े 12 बजे से आहूत इस बैठक में श्री शर्मा ने कहा कि दो साल पहले आज ही के दिन शुरू की गई इस योजना का विस्तार प्रदेश के 10 हजार 746 पंचायतों में हुआ है और गौठानों के लिए एक लाख 65 हजार से ज्यादा भूमि सुरक्षित कर ली गई है। समूहों द्वारा गोबर से 20 लाख क्विंटल वर्मी खाद तैयार किया गया है। इन सभी सफलताओं को आगे बढ़ाना है। इसके लिए ज़िले में और बेहतरीन कार्ययोजना बनाकर उसे अमलीजामा पहनाने पर श्री शर्मा ने बैठक में जोर दिया। उन्होंने इस बैठक में विशेष रूप से कहा है कि रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के लिए बड़े गांवों के गौठानों का चयन किया जाए, ताकि वहां से तैयार उत्पादों की खपत आसपास के गांवों में बेहतर तरीके से हो। ज्ञात हो कि जिले में कुल 323 गौठान स्वीकृत हैं, इनमें ग्रामीण गौठान 310 तथा शहरी गौठान 13 हैं। इनमें से कुल 274 गौठान सक्रिय हैं, जिनकी ग्रामीण क्षेत्र में संख्या 266 तथा शहरी में 08 है। योजना की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री शर्मा ने स्वीकृत किन्तु शेष सभी गौठानों को जल्द से जल्द शुरू करने के निर्देश दिए।



               उन्होंने हर गांव में एक ऐसे स्व सहायता समूह को तैयार करने पर जोर दिया है, जो कि गांव के पशुपालकों के घर से गोबर एकत्र करें। बदले में पशुपालक से कुछ पैसे समूह को मिले और वह समूह गोबर लाकर गौठानों में उपलब्ध कराए। इसी तरह लावारिस पशुओं को सड़क किनारे बने गौठानों में रखने की व्यवस्था करने पर भी श्री शर्मा ने जोर दिया है। इसके लिए ग्राम गौठान समिति से एफिडेविट लिखा कर पशुओं को रखने कहा है। गौठानों में रखे पशुओं की देखभाल के लिए चरवाहा रखने की हिदायत भी दी है। बैठक में श्री शर्मा ने साफ तौर पर निर्देशित किया है कि यदि किसी गौठान में पानी भरा रहता है, तो 5/5 का गड्ढा कर सोख पिट बनाएं और पशुओं के लिए थोड़ा स्लांटिंग चबूतरा बनाएं, ताकि पशु सूखे में बैठ सकें। उन्होंने साफ तौर पर निर्देश दिए हैं कि जो गौठान समिति सक्रिय नहीं है, उसे तत्काल प्रभाव से बदलें। इसी तरह गांवों के किसान मितान, पशु सखी और गोपालक के सहयोग से सभी पशुओं का पंजीयन सुनिश्चित करने पर भी श्री शर्मा ने जोर दिया है। इसी के साथ सभी गौठानों में पशुओं के लिए फर्स्ट एड बॉक्स की व्यवस्था करने भी कहा है। उन्होंने कहा कि अगर गोबर खरीदी सुचारू रूप से होगी, तो खाद निर्माण भी उसी गति से होगा, अतः गौठानों में गोबर खरीदी नियमित तौर पर किया जाए। इस मौके पर बताया गया कि ज़िले में 274 सक्रिय गौठानों में 10 हजार 279 पशुपालकों से तीन लाख 62 हजार 792 क्विंटल गोबर खरीदी की गई। बैठक में कलेक्टर  पी.एस.एल्मा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी ज़िला पंचायत  प्रियंका महोबिया, सहित एनजीजीबी से जुड़े अधिकारी, गौठानों के क्लस्टर नोडल इत्यादि उपस्थित रहे।