-->

DNA UPDATE

DHAMTARI:: फर्जी डिग्री वालों को शिक्षाकर्मी की नौकरी देने वाले मगरलोड जनपद के तत्कालीन सीईओ को पुलिस ने किया गिरफ्तार

धमतरी जिले के जनपद पंचायत मगरलोड में वर्ष 2007 में हुए शिक्षाकर्मी वर्ग-3 की भर्ती फर्जीवाड़ा के मामले में डेढ़ दशक बाद अब जाकर अधिकारी की गिरफ़्तारी हुई है.दरअसल धमतरी जिले के जनपद पंचायत मगरलोड में वर्ष 2007 में शिक्षाकर्मी वर्ग 3 की भर्ती के लिए 150 शिक्षाकर्मियों की भर्ती की अनुमति विभाग ने दी थी.मगर जनपद द्वारा कुल 172 पदों पर भर्ती कर दी गई.तब आरोप लगे थे कि फर्जी दस्तावेजों के सहारे सैकड़ों शिक्षा कर्मियों की भर्ती चयन समिति और छानबीन समिति द्वारा कर दी गई है.शिक्षाकर्मी भर्ती वर्ष 2007 में हुई शिक्षाकर्मियों की भर्ती के दस्तावेज सूचना के अधिकार के तहत जुलाई 2011 में देने के बाद भर्ती में गड़बड़ी की शिकायत पुलिस से की गई.


मामला परवान चढ़ा तब सीआईडी पुलिस रायपुर ने इसकी जांच की गई.जिसके बाद एफआईआर दर्ज हुई और अब इसके 10 वर्ष 9 माह बाद की विवेचना के बाद जिला पुलिस ने भर्ती समिति से जुड़े अधिकारी की गिरफ़्तारी की है.मामले के मुख्य आरोपी कमलाकांत तिवारी वर्तमान में जिला पंचायत दुर्ग में बतौर परियोजना अधिकारी पदस्थ है जिन्हें पुलिस ने भिलाई स्थित उनके निवास से गिरफ्तार किया.पुलिस ने इस मामले में ठगी की धाराओं के साथ ही एसटी-एससी एक्ट अंतर्गत उपबंधित धाराए जोड़ी है.



गौरतलब है कि शिक्षा कर्मी वर्ग 3 के लिए स्वीकृत पद 150 के विरुद्ध कुल 172 पदों पर भर्ती की गई थी.इनका आदेश पृथक-पृथक अनेकों बार जारी किया गया, जिसमें अभ्यर्थी के निवास के पते को छुपाया गया.चयन समिति के सदस्यों द्वारा अपने परिवार के अनेकों सदस्यों की शिक्षा कर्मी वर्ग 3 के पद पर नियुक्त की गई.इस मामले में अभी तक 19 शिक्षा कर्मियों की सेवाएं समाप्त की जा चुकी है और दर्जनों शिक्षाकर्मी इस्तीफा दे चुके है.इसके अलावा मगरलोड पुलिस ने 17 शिक्षाकर्मियों की गिरफ्तारी कर अभियोग पत्र प्रस्तुत भी किया है.जिस पर न्यायालय ने उन्हें कठोर दंड से दंडित किया है.उस दौरान धमतरी में भी इसी तरह शिक्षाकर्मी भर्ती में फर्जीवाड़ा हुआ था.आरटीआई कार्यकर्त्ता कृष्ण कुमार साहू की ही शिकायत पर जांच हुई और तत्कालीन जनपद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित चयन समिति से जुड़े अनेक लोगों को जेल की हवा खानी पड़ी थी....