जिला संयोजक पूजा यादव ने बताया कि छात्र संघ चुनाव से वास्तविक रूप से बेहतर नेतृत्व क्षमता रखने वाले युवा सामने आते हैं, युवा विद्यार्थियो के मन में लोकतांत्रिक मूल्यों और आदर्शो को सीखने समझने की व्यवहारिक दृष्टि विकसित होती हैं।कोरोना संकट भी टल गया है,प्रवेश प्रक्रिया भी अब पूर्ण हों चुकी हैं,महाविद्यालयों में भी बड़ी संख्या में विद्यार्थी आने लगे है ऐसे में छत्तीसगढ़ सरकार को प्रत्यक्ष प्रणाली से छात्रसंघ चुनाव कराना चाहिए। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद 365 दिन परिसरों में छात्रहित में कार्य करने वाला छात्रसंगठन हैं, ऐसे में सरकार को डर हैं की वो हार जायेंगे। इसलिए वह छात्रसंघ चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से नही कराना चाहती, यह सरकार विद्यार्थियो के साथ अन्याय कर रही हैं नेतृत्व को दबाने का प्रयास कर रही हैं ताकि कभी कोई छात्र नेता पैदा ना हो सके। अगर छात्रसंघ चुनाव होता है तो निश्चित रूप से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की जीत होगी। नगर मंत्री सुभाष यादव ने बताया कि पिछले 2 वर्षो से सभी महाविद्यालय के विद्यार्थी कोरोना के कारण ऑनलाइन पास हुए हैं तो ऐसे में मेरिट के आधार पर छात्रसंघ का गठन कैसे होगा?????? क्युकी पास तो सभी हुए और छत्तीसगढ़ सरकार,उच्च शिक्षा मंत्री ऐसे में विद्यार्थियो को दबाने का प्रयास कर रही हैं ताकि आगे भविष्य में कोई भी छात्र नेता न बन पाए। 6 वर्षो से छात्रसंघ चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से नही हो रहा हैं जिसके कारण विद्याथिओ की प्रतिभा उभर भी पा रही हैं,अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इसकी कड़ी निन्दा करती हैं। और छात्रसंघ चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से ही कराने की मांग करती हैं।