कलेक्टर पी.एस.एल्मा के निर्देशानुसार में जिले में खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा धमतरी शहर स्थित मकई गार्डन चौपाटी का औचक निरीक्षण किया गया। साथ ही जिले में ट्रांसफैट सर्वे अभियान के तहत जांच के लिए नमूने लेकर उन्हें लैब भेजे गए।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि अनुविभागीय अधिकारी राजस्व धमतरी के मार्गदर्शन में खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा चौपाटी में संचालित खाद्य प्रतिष्ठान भैरूनाथ पावभाजी स्टॉल, लक्ष्मी मुंगौड़ी सेंटर, गुप्ता चाट सेंटर, ग्वालियर चाट सेंटर, मोमोस अड्डा, श्री कृष्णा वेज, बॉम्बे चौपाटी (बादाम शेक एवं आईसक्रीम) का निरीक्षण के दौरान खाद्य पंजीयन नहीं पाया गया। इस पर खाद्य कारोबारकर्ताओं को जानकारी दी गई कि वे खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत खाद्य पंजीयन बनाना अनिवार्य है। यह भी बताया गया कि खाद्य पंजीयन बनवाने के लिए विभागीय वेबसाइट foscos.gov.in पर ऑनलाइन प्रक्रिया व पंजीयन का शुल्क 100 रूपये सालाना निर्धारित है। चाट एवं गुपचुप सेंटरों में खाद्य रंग का उपयोग करने के लिए निर्देशित किया गया। साथ ही खाद्य कारोबारकर्ताओं को अखबारी पेपर का उपयोग नहीं करने, खाद्य पदार्थों को उचित रूप से ढंककर रखने के दिशा-निर्देश दिए गए।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा खाद्य पदार्थों में ट्रांसफैटी एसिड को कम कर दो प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य है। ट्रांसफैटी एसिड शरीर में हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है, जिससे हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा रहता है। इस संबंध में भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण भारत सरकार एवं नेशनल कमोडिटी मैनेजमेंट सर्विस लिमिटेड द्वारा पूरे देश में ट्रांसफैट सर्वे अभियान नौ से 11 नवम्बर तक चलाया जा रहा था। छत्तीसगढ़ राज्य से धमतरी जिले का ट्रांसफैट सर्वे अभियान के तहत सर्विलेंस नमूना जांच के लिए चयन किया गया था। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग धमतरी एवं नेशनल कमोडिटी मैनेजमेंट सर्विस लिमिटेड द्वारा संयुक्त रूप से जियोमार्ट, शैल सुपरमार्ट एवं नम्रता जैन हटसन एजेंसी आदि फर्म से नमकीन, गुलाब जामुन, तिल तेल, वनस्पती घी, नान खटाई, रस्क, आईस्क्रीम के नमूने लेकर जांच के लिए उन्हें एनसीएमएल चेन्नई स्थित लैब में भेजा गया है।