इन दिनों कामकाज के दबाव और बिजी लाइफस्टाइल की वजह से लोगों में तनाव बढ़ता जा रहा है और डिप्रेशन की समस्या बढ़ती जा रही है। परेशानी की बात ये है कि अब बच्चों में इसका असर दिखने लगा है। खासतौर से बच्चों के साथ, स्कूल में बुली होना, गलत व्यवहार, कोई गहरा सदमा, घरेलू हिंसा या फिर फैमिला सेपरेशन जैसी ये समस्याएं हैं जो बच्चों के दिलों-दिमाग पर गहरा असर डालती हैं। हाल ही में यूनिसेफ ने रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसमें बताया है कि डिप्रेशन क्या है और बच्चों में इसके क्या लक्षण होते हैं। इसमें पैरेंट्स को भी सुझाव दिया गया है कि ऐसे मामलों में बच्चों से कैसे डील करें और कैसे उन्हें इससे बाहर निकालें। तो आइए जानते हैं कि डिप्रेशन क्या है और बच्चों को इससे कैसे बाहर निकलें।
क्या है डिप्रेशन ?
डिप्रेशन सबसे आम प्रकार की मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों में से एक है और अक्सर चिंता के साथ विकसित होती है। यह माइल्ड और कम समय के लिए या गंभीर और लंबे समय तक चलने वाला हो सकता है। कुछ लोग डिप्रेशन से केवल एक बार प्रभावित होते हैं, जबकि अन्य लोग इसे कई बार अनुभव कर सकते हैं। सबसे अच्छी बात है कि डिप्रेशन का इलाज किया जा सकता है और ऐसी कई चीजें हैं जो डिप्रेशन को दूर करने में मदद कर सकती हैं।.
बच्चे में डिप्रेशन के लक्षण
बच्चा उदास रहे है और अकेले रहने लगे।
कम बोले और जब भी बोले तो उसकी बातों में निराशा झलके।
चिड़चिड़ा होना और बिना बात के गुस्सा करना।
नींद के पैटर्न में बदलाव, कम सोना या बहुत अधिक सोना।
पढ़ाई या किसी भी काम पर फोकस करने में समस्या।
रूटीन के काम जैसे, नहाना, स्कूल जाना, होमवर्क करना इत्यादि ठीक से नहीं करना।
क्या करें पैरेंट्स?:-
बच्चे से बहुत सवाल ना करें।
बच्चे को ऐसा अनुभव ना कराएं कि उसके साथ कुछ बहुत बुरा हो गया है या डरने की कोई बात है।
बच्चे से प्यार से बात करते हुए उसे हिम्मत बंधाएं कि आप उसके साथ हैं और सब ठीक हो जाएगा।
बच्चे के साथ दोस्ताना व्यवहार रखें और उसके साथ ज्यादा समय बिताएं।
उसे सहज फील कराएं और भरोसा जीतें, ताकि वो आपसे खुलकर अपनी समस्या बता सके।