Somwati amawasya:- कल है साल की पहली सोमवती अमावस्या, ये उपाय कर पितृदोष करें दूर। - DNA

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रविवार, 19 फ़रवरी 2023

Somwati amawasya:- कल है साल की पहली सोमवती अमावस्या, ये उपाय कर पितृदोष करें दूर।

हिन्दू पंचांग के मुताबिक साल की पहली सोमवती अमावस्या सोमवार, 20 फरवरी को मनाई जाएगी। सोमवती अमावस्या के दिन भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस दिन सुहागिन महिलाएं भी अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती है और पीपल के पेड़ की पूजा करती हैं। इस दिन पितरों की भी पूजा की जाती है, ताकि उनका आशीर्वाद घर परिवार पर बना रहे। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक कुंडली में अगर पितृदोष हों, या किसी वजह से पितर नाराज हों, तो घर में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। संतान प्राप्ति एवं वंश बढ़ाने में भी परेशानी होती है। ऐसे में आपको इस दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए कुछ उपाय अवश्य करने चाहिए।

कैसे करें पितरों को प्रसन्न?

इस दिन आप सुबह स्नान करने के बाद पितरों को तर्पण जरूर करें। पितरों के तर्पण देने के अर्थ है उन्हें याद करना और पानी देना। मान्यता है कि इससे पितर तृप्त होते हैं।


अगर कुंडली में पितृदोष हो तो सोमवती अमावस्या पर किसी भी तीर्थ स्थान में जाकर पितरों के श्राद्ध, तर्पण आदि कर्म करें। साथ ही पूजा के बाद जरुरतमंदों को भोजन, कच्चा अनाज, बर्तन, कपड़े आदि चीजों का दान करें।
इस दिन आप अगर गाय, कौआ और कुत्ते को भोजन कराते हैं तो पितर प्रसन्न होंगे। इस दिन किसी जीव को कष्ट ना पहुंचाएं।
सोमवती अमावस्या पर गाय को हरा चारा और मछलियों को आटे की गोलियां डालें। अन्य पशु-पक्षियों के लिए भी भोजन पानी की व्यवस्था करना चाहिए।

इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देना अच्छा होता है। इसके अलावा शनि से संबंधित वस्तुएं जैसे- काले जूते, काली उड़द, छाता, सरसों तेल आदि का दान करें। ऐसा करने से पितृ देव प्रसन्न होते हैं।
अमावस्या के दिन दूध में काले तिल और पानी मिलाकर पीपल पर चढ़ाना चाहिए। साथ ही पीपल की पूजा कर परिक्रमा करना चाहिए। इससे पितृ दोष में कमी आती है।
सोमवती अमावस्या पर भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए और पितृ दोष निवारण के लिए प्रार्थना करनी चाहिए।

सोमवती अमावस्या के दिन मांस, मदिरा का सेवन न करें। यह आपकी उन्नति में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं।

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