धमतरी/उर्दू पूरी दुनिया में बोली जाने वाली भाषा है। यह हिदुस्तान की आत्मा में बसी हुई है। उर्दू में एक लजाकत हैं। उर्दू के विकास के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की कोशिश रंग भी लाने लगी है। उर्दू को आम लोगों की जुबान बनाने के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है।
यह उद्गार स्थानीय लालबगीचा वार्ड स्थित जैनब पैलेस में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ उर्दू अकादमी के चेयरमेन इदरीश गांधी ने व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि उर्दू जन-जन की भाषा बने इसके लिए एक कार्ययोजना बनाई गई है, जिसके तहत कार्य किया जा रहा है। उनके संस्थान की ओर से उर्दू पढ़ऩे वालों को पाठ्य पुस्तकें समेत अन्य शिक्षण सामाग्री उपलब्ध कराई जा रही है। इसके अलावा आईएएस, आईपीएस की ट्रेनिंग देने के लिए कोचिंग सेंटर भी चलाया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि उर्दू और हिन्दी इस देश की दो ऐसी भाषाएं हैं, जिसे कभी एक-दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता है।
मुख्य अतिथि महापौर विजय देवांगन ने कहा कि उर्दू भाषा हिन्दुस्तान के एक बहुत बड़े हिस्से में बोली जाती है। हिन्दी और उर्दू में कोई ज्यादा फर्क नजर नहीं आता। हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री अन्य भाषाओं और बोली के साथ ही उर्दू की तरक्की के लिए भी पूरा सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि आने वाली पीढ़ी उर्दू भाषा का ज्ञान अर्जित करेगी। यह भाषा भी सामाजिक समरसता बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देती है। मुस्लिम समाज के प्रतिष्ठित दिलावर रोकडिय़ा ने कहा कि उर्दू भाषा के साथ जो सौतेला व्यवहार किया जा रहा है वह बंद किया जाना चाहिए। छत्तीसगढ़ उर्दू अकादमी की ओर से कार्यक्रम के प्रारंभ में नातिया मुशायरा हुआ, जिसमें नजीर अली सिद्दिकी, अकरम खत्री, शोएब खान, सैय्यद कादिर ने अपनी दिलकश आवाज में कलाम पेश कर श्रोताओं की खूब वाहवाही बटोरी। कार्यक्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गोपाल शर्मा, मोहन लालवानी, शरद लोहाना, विपिन साहू, एमआर खान, हाजी नसीम अहमद, मौलाना गौस कादरी, मोहम्मद युसूफ रजा, मोहम्मद एजाज वकील, डॉ अब्दुल कदिर, हाजी रोशन, सैय्यद इनायत अली, ताजुद्दीन खत्री, मोहम्मद आजम, सिरादुद्दीन दारा, सलीम बारी, अख्तर-सद्दाम गोड़, सलाम खत्री, तनवीर उस्मान, अवैश हाशमी, हाजी अहमद समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन अब्दुल रज्जाक रिजवी और सैय्यद अफजल अली रिजवी आभार प्रदर्शन कार्यक्रम के प्रभारी हाजी नजीरअली सिद्दिकी ने किया।
इनका हुआ सम्मान
इस मौके पर प्रतिभाओं का सम्मान भी किया गया। जो लोग सम्मानित हुए हैं, उनमें शहर के सुप्रसिद्ध चिकित्सक डॉ इकबाल परवेज, आरटीओ अब्दुल मुजाहिद खान, युवा शायर मोहम्मद साहिर, उर्दू के प्रोफेसर मोहम्मद असलम भाटी, उर्दू शिक्षिका राबिया और मुमताज बानो, वरिष्ठ पत्रकार दीप शर्मा, देवेन्द्र मिश्रा प्रमुख है। छत्तीसगढ़ उर्दू अकादमी की ओर से संस्थान की ओर से प्रकाशित पुस्तकों का विमोचन कर उसे वितरित किया गया।
मिठास और अपनेपन का अहसास
अंजुमन इस्लामिया कमेटी के पूर्व सदर हाजी हारून उस्मान ने उर्दू भाषा की तरक्की और हमारी जिम्मेदारी विषय पर बोलते हुए कहा कि उर्दू एक ऐसी भाषा है, जिसमें मिठास है। अपनेपन का अहसास होता है। मोहब्बत और सलिके के साथ कैसे पेश आए, यह उर्दू भाषा ही हमें सिखाती है। उन्होंने आगे कहा कि उर्दू भाषा को किसी संकीर्णता में कैद नहीं किया जा सकता।
