इस साल चैत्र नवरात्रि नवमी तिथि 30 मार्च को है और इस दौरान नवमी तिथि को कन्या पूजन करने के बाद ही व्रत का पारण किए जाने की धार्मिक परंपरा है। नवमी के दिन 2 साल से लेकर 11 साल की कन्याओं को पूरे आदर व सत्कार के साथ भोग लगाया जाता है। यहां जाने इस बार नवमी तिथि पर कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त और विधि के साथ पारण का सही समय क्या होगा -
नवमी के दिन 9 कन्याओं को घर पर आमंत्रित किया जाता है और जब कन्याएं घर में पधारे तो सबसे पहले उनका पूरे आदर के साथ स्वागत करना चाहिए और उनके चरण धोना चाहिए। आसान बिछा कर उन्हें बैठने के लिए कहना चाहिए। कन्याओं के माथे पर रोली लगाने के बाद मां दुर्गा का स्मरण करना चाहिए। इसके बाद सभी कन्याओं को पूरी, हलवा और काले चने की सब्जी या इच्छा अनुसार भोजन कराना चाहिए। 9 कन्या को सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा या उपहार भेंट कर चरण स्पर्श करना चाहिए और सम्मान के साथ विदा करना चाहिए।
नवमी के दिन इन देवियों की पूजा
चैत्र नवरात्रि के दिन ब्रह्मचारिणी, आंद्रघण्टा, कुसमांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरती, महागौरी और सिद्धिदात्री को देवी दुर्गा के 9 दिव्य रूपों के अवतार के रूप में पूजा जाता है। भागवत पुराण में बताया गया है कि नवरात्रि के नौवें दिन भक्तों की मनोकामना पूरी होती है। कन्या पूजन से सौभाग्य की प्राप्ति होती है, दो कन्याओं की पूजा करने से ज्ञान और मोक्ष की प्राप्ति होती है। वहीं 3 कन्याओं की पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। 9 कन्या पूजा को सर्वोच्चता का आशीर्वाद माना जाता है।
कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त
चैत्र नवरात्रि के अष्ठमी पूजा 29 मार्च को और 30 मार्च को महानवमी तिथि है। महानवमी 29 मार्च को रात 09:07 से 30 मार्च को रात 11:30 बजे तक होगी। कन्या पूजन 30 मार्च को करना शुभ होगा।