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DHAMTARI:- मालती यादव व समूह की महिलाओं के लिए डेयरी व्यवसाय बना लाभ का जरिया,डेयरी व्यवसाय से जुड़कर महिलाओं के जीवन में आयी खुशहाली

 छत्तीसगढ़ सरकार की अवसरवादी योजना नरवा, गरवा, गुरवा और श्रमिक के तहत प्रदेश के सभी ग्राहियों, मुखियाओं में गौठान स्थापित कर रही हैं के आय में वृद्धि कर आत्मनिर्भरता बनाने का काम किया जा रहा है। जिला प्रशासन द्वारा गौठानों को केंद्र के रूप में विकसित किया गया जिसमें गोबर पेंट का निर्माण, गोबर, खाद निर्माण, मुर्गी पालन, बकरी पालन, पशुपालन, सब्जी उत्पादन, पोल निर्माण, पंखे के तार, आचार, पापड़, बड़े जैसे संचालित किए जा रहे हैं हो रहा है। कुरूद विकासखण्ड के गाता पार गौठान में दायरे इकाई की स्थापना कर समूह की महिलाओं को इस काम से जोड़ा गया है। दायरे इकाई और पशुपालक आमतौर पर ग्रामीण किसानों और कम पढ़े लिखे जानवरों को पालतू जानवरों का काम माना जाता है लेकिन अब ऐसा नहीं है। दायरे इकाई और पशुपालन में नौकरीपेशा, इंजीनियर, डॉक्टर और पेशेवर पेशेवर भी लगातार असफल आज रहे हैं। दायरे इकाई के क्षेत्र में कुरूद विकासखंड के ग्राम पंचायत गातापार के कामधेनु महिला अभिरूचि स्वसहायता समूह के 11 सदस्य दुग्ध उत्पादों के माध्यम से क्षेत्र में कार्य कर रही है। कामधेनु महिला अभिरूचि स्वसहायता समूह द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना के तहत 9.26 लाख रुपये एवं रूर्बन मिशन के तहत 10.77 लाख रुपये की अटैचमेंट से निर्मित गौठान बीमा निगम इकाई की स्थापना की गई है। जहां पशुधन विकास विभाग द्वारा साहिवाल, गिल, जर्सी नस्ल के 10 गाय और 06 बछड़े दिए गए थे। समूह की माने तो हमेशा कुछ कर पाने की प्रबल इच्छा से उठाई गई इकाई को ग्रामीण युवाओं से जोड़कर स्वरोजगार के प्रति प्रतिबद्धता तय की जा रही है। जर्सी नस्ल के 10 गाय और 06 बछड़े दिए गए। समूह की माने तो हमेशा कुछ कर पाने की प्रबल इच्छा से उठाई गई इकाई को ग्रामीण युवाओं से जोड़कर स्वरोजगार के प्रति प्रतिबद्धता तय की जा रही है। जर्सी नस्ल के 10 गाय और 06 बछड़े दिए गए। समूह की माने तो हमेशा कुछ कर पाने की प्रबल इच्छा से उठाई गई इकाई को ग्रामीण युवाओं से जोड़कर स्वरोजगार के प्रति प्रतिबद्धता तय की जा रही है। गौठान में 77 लाख रुपए की म्यूचुअल फंडिंग की स्थापना की गई है। जहां पशुधन विकास विभाग द्वारा साहिवाल, गिल, जर्सी नस्ल के 10 गाय और 06 बछड़े दिए गए थे। समूह की माने तो हमेशा कुछ कर पाने की प्रबल इच्छा से उठाई गई इकाई को ग्रामीण युवाओं से जोड़कर स्वरोजगार के प्रति प्रतिबद्धता तय की जा रही है। गौठान में 77 लाख रुपए की म्यूचुअल फंडिंग की स्थापना की गई है। जहां पशुधन विकास विभाग द्वारा साहिवाल, गिल, जर्सी नस्ल के 10 गाय और 06 बछड़े दिए गए थे। समूह की माने तो हमेशा कुछ कर पाने की प्रबल इच्छा से उठाई गई इकाई को ग्रामीण युवाओं से जोड़कर स्वरोजगार के प्रति प्रतिबद्धता तय की जा रही है।



                    कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी के निर्देशानुसार तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत  रोक्तिमा यादव के मार्गदर्शन में जिले के कई गौठानों में महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ा गया है। सीईओ  रोक्तिमा यादव ने डेयरी इकाई के संबंध में बताया कि-छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी के तहत लगातार गौठान में कामधेनु महिला अभिरूचि स्वसहायता समूहों के सदस्यों के लिए राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना एवं रूर्बन मिशन के अभिसरण से डेयरी इकाई की स्थापना की गई है। वर्तमान में प्रथम चरण में दुधारू पशु की स्थापना कर महिलाओं को दुग्ध व्यवसाय में जोड़ने का प्रयास किया गया है जिसके तहत 65 से 70 लीटर दूध उत्पादन कर दुग्ध सोसायटी में विक्रय किया जा रहा है।

       

             कामधेनु महिला अभिरूचि महिला समूह की अध्यक्ष  मालती यादव ने बताया कि डेयरी का व्यवसाय अब लाभ का व्यवसाय बन गया है। गौठान में स्थापित 2-3 माह में 22 सौ लीटर दुग्ध उत्पादन कर 61 हजार 824 रूपये में विक्रय किया गया हैं। इसके अलावा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए निर्मित गौठान में वर्मी टैंक, नाडेप टैंक, कोटना, बकरी शेड, मुर्गी शेड एसएचजी शेड का निर्माण कराया गया है। साथ ही पशुपालन विभाग द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत दुधारू पशुओं के लिए हरा चारा का भी उत्पादन किया जा रहा है। गौठान में स्थापित डेयरी से गाय का शुद्ध ताजा दूध मांग अनुसार लोगों तक पहुंचा रहे हैं। गांव में पहले की अपेक्षा उत्पादित दूध की डिमांड बढ़ रही है। इससे अच्छी आमदनी के साथ समूह में संपन्नता आयी है।