युवाओं को मतदान के प्रति जागरूक करने के लिए आज जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं स्वीप जिला नोडल अधिकारी रोक्तिमा यादव की उपस्थिति में बाबू छोटेलाल श्रीवास्तव स्नातकोत्तर शासकीय महाविद्यालय धमतरी में मतदाता जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर श्रीमती यादव ने शत् प्रतिशत मतदान का लक्ष्य, मतदान करने, मतदान में युवा, महिला, श्रमिक सहित सभी वर्ग की भागीदारी बढ़ाने, मतदान में शासकीय कर्मचारियों द्वारा पोस्टल बैलेट का प्रयोग करने एवं नोटा बटन का प्रचार-प्रसार की विस्तार से जानकारी दी। मतदाता जागरूकता कार्यक्रम में प्राचार्य बीसीएस कॉलेज डॉ. श्रीदेवी चौबे एवं प्राध्यापक, प्राध्यापिका, छात्र-छात्राएं मुख्य रूप से उपस्थित थी।
श्रीमती यादव ने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। यहां प्रत्येक पांच वर्ष के अंतराल पर चुनाव के माध्यम से सरकार चुनी जाती है। देश के नागरिक इस चुनावी प्रक्रिया में सीधे तौर पर भाग लेते हैं। उन्होंने आह्वान किया कि लोगों को मतदान करने के लिए हर तरह की गतिविधियों के माध्यम से प्रेरित किये जावें। इस अवसर पर उन्होंने मतदाताओं को निर्वाचन के समय दी जाने वाली सुविधाएं, मतदान केन्द्र पर मिलने वाली न्यूनतम सुविधाओं सहित मतदाताओं को डाक मतपत्र, ईवीएम, वीवीपैट, वोटर हेल्पलाईन एप्प और नैतिक मतदान करने लोगों को प्रेरित किया। आगे उन्होंने यह भी कहा कि निर्वाचन में युवाओं की भागीदारी होना महत्वपूर्ण है। श्रीमती यादव ने कहा कि 18 वर्ष से 19 वर्ष की आयु पूरी कर चुके युवा मतदाता सूची में अपना नाम अवश्य जुड़वायें। उन्होंने कहा कि शहर हो या गांव अथवा पड़ोसी, सभीं को भी मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए प्रेरित किये जावें। इस मौके पर युवाओं को स्वीप गतिविधी, सी-विजिल एप्प, मतदाता हेल्पलाईन एप्प, एनवीएसपी डॉट इन, वोटर पोर्टल के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई।
लोकतंत्र में मतदान महत्व के बारे मे अहम जानकारी देते हुए कहा कि 17 वर्ष से अधिक की आयु वाले मतदाता बनने के लिए अग्रिम आवेदन कर सकते हैं। 18 वर्ष की आयु पूरी करते ही उनका नाम मतदाता सूची में जुड़ जायेगा। इसके अलावा 01 जनवरी, 01 अपै्रल, 01 जुलाई और 01 अक्टूबर 2023 की तिथि में 18 साल की उम्र पूरी करने वाला युवा मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए पात्र होंगे। चुनाव में मतदाता के रूप में पुरूषों के समान महिलाओं की भी अधिकाधिक भागीदारी सुनिश्चित की जावें, क्योंकि सामाजिक व आर्थिक स्थिति पर महिलाओं का विशेष प्रभाव रहता है।