Makar sankranti 2024:- मकर संक्रांति पर खाया जाता है दही - चूड़ा,जाने इसका कारण। - DNA

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सोमवार, 8 जनवरी 2024

Makar sankranti 2024:- मकर संक्रांति पर खाया जाता है दही - चूड़ा,जाने इसका कारण।

Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति देश भर में हर्षोल्लास से मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है। यह त्योहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह पर्व तप, पूजा, दान और त्याग के लिए महत्वपूर्ण होता है। इस त्योहार को संक्रांति के नाम से जाना जाता है। अधिकतर यह त्योहार 14 जनवरी को मनाया जाता है, लेकिन इस बार यह 15 जनवरी को मनाया जाएगा। इस दिन गंगा नदी में स्नान और पूजा की जाती है। साथ ही कुछ दही-चूड़ा खाया जाता है और दान कार्य करते हैं।


क्यों खाया जाता है दही-चूड़ा?
बिहार में मकर संक्रांति दही-चूड़ा, लाई-तिलकुट और पतंगबाजी के साथ मनाई जाती है। यह काफी स्वास्थ्यवर्धक भी है। इसे दान-पुण्य के कार्यों को समाप्त करने के बाद खाया जाता है। कहा जाता है कि दही-चूड़ा खाने से सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इसके अलावा ग्रह दोष भी दूर होते हैं। अगर इसे परिवार के साथ बैठकर खाया जाए, तो रिश्तों में मिठास आती है।


दही-चूड़ा खाने से पहले करें ये कार्य

इस दिन प्रातःकाल गंगा स्नान अवश्य करें। इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें और कुछ दान-पुण्य करें। दही-चूड़ा खाने से पहले भगवान सूर्य के मंत्रों का जाप जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है और शुभ फल प्राप्त होते हैं।

भगवान सूर्य का पूजन मंत्र

''ॐ घृ‍णिं सूर्य्य: आदित्य:
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
ॐ घृणि सूर्याय नम:
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:
ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ''

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