रायपुर- कोरोना ने दो साल से त्योहारों पर भी ग्रहण लगा दिया है.एक मूर्तिकार जिन्हें सिर्फ त्योहारो का इन्तजार रहता है और वे मूर्ति बेचकर ही गुजर बसर करते हैं दो वर्ष की तरह इस बार भी मूर्तिकार इंतजार में बैठे हैं कि उनकी पिछले साल की बची हुई मूर्तियां इस साल भी बिकेगी या नहीं?
पिछले बार कोरोना की रफ्तार थोड़ी कम हुई थी तो मूर्तिकार मूर्ति बनाने में जुट गए थे, लेकिन कोरोना के अचानक केस बढ़ने से मूर्तिकारों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था. हालात को देखते हुए मूर्तिकारों ने फैसला लिया है कि इस बार वे छोटी मूर्तियों का ही निर्माण करेंगे. पिछले वर्ष की रखी हुई बड़ी मूर्तियों को नया कर बाजारों में बेचेंगे
मूर्तिकार बताते हैं कि वे अब भी कर्ज में डूबे है. उन्हें लाखों रुपए का नुकसान भी हुआ है. मूर्तिकार चाहते हैं कि मूर्तियों को लेकर जल्द ही सरकार गाइडलाइन जारी करे, जिसके आधार पर वे मूर्तियों का निर्माण कर सकें और बेचकर अपनी परेशानी कम कर सके।
