रायपुर ::छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर चल रही खींचतान के बीच भूपेश बघेल ने कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा से मुलाकात की और उन्हें मनाने में सफल हुए। अब उनके मुख्यमंत्री पद को किसी तरह का खतरा नहीं। शनिवार को रायपुर वापसी से पहले उन्होंने राहुल को छत्तीसगढ़ आने का न्यौता भी दिया। भूपेश बघेल ने कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा से तीन घंटों तक बात की।
छत्तीसगढ़ में जारी कांग्रेस आलाकमान ने बघेल को बुलावा भेजा था। इसके तुरंत बाद 55 विधायकों 15 जिला अध्यक्षों और 5 मेयर समेत कई समर्थकों के साथ मुख्यमंत्री बघेल गुरुवार को दिल्ली पहुंचे। दूसरी ओर छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने रोटेशन पॉलिसी का हवाला देकर नेतृत्व में बदलाव की मांग की और मुख्यमंत्री के खिलाफ बैनर दिखाया। इस साल जून में बघेल सरकार ने अपने ढाई साल का कार्यकाल पूरा कर लिया। इस बैठक में मौजूद रहे एक सूत्र ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री बघेल ने अपने कार्यकाल में शुरू की गई वेलफेयर की योजनाओं को भी सूचीबद्ध किया था।
सूत्र के अनुसार, 'मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार का प्रशासन गुजरात सरकार की तुलना में बेहतर है। कांग्रेस पार्टी देश के सामने छत्तीगसगढ़ प्रशासन का मॉडल पेश कर सकती है। बघेल ने बताया कि उनकी सरकार ने आदिवासी समुदाय और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास के लिए अनेकों वेलफेयर योजनाओं की शुरुआत की। बाद में दिल्ली में रिपोर्टर से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि उनके आग्रह पर अगले सप्ताह राहुल गांधी छत्तीसगढ़ आ रहे हैं। उन्होंने कहा, ' बतौर मुख्यमंत्री मैंने राहुल गांधी को छत्तीसगढ़ आने का न्यौता दिया है।'
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में मौजूद बघेल के समर्थकों ने एक के बाद एक मीटिंग की जिसमें छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष पीएल पुनिया और ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के महासचिव केसी वेणुगोपाल से बातचीत हुई। इन सभी बैठकों में टीएस सिंहदेव मौजूद नहीं थे।
