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DHAMTARI- जिले में राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम के तहत उन्नत किस्म के पशुओं को पालने पशुपालकों को किया जा रहा प्रेरित

धमतरी :: पशुओं के दुग्ध उत्पादन, उत्पादक क्षमता में वृद्धि सहित देशी पशुओं के संरक्षण और विकास के उद्देश्य से पशुपालन विभाग द्वारा राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम चलाया जा रहा है। उप संचालक पशु चिकित्सा विभाग डॉ. एम.एस.बघेल ने बताया कि कलेक्टर  पी.एस.एल्मा के मार्गदर्शन में जिले के 621 गांवों का चयन कर विभाग द्वारा निःशुल्क कृत्रिम गर्भाधान का कार्य किया जा रहा है। वहीं 110 गांवों में वत्स प्रदर्शनी के लक्ष्य के विरूद्ध ज़िले में यह हरियाली पर्व के मौके पर 8 अगस्त से शुरू की गई प्रदर्शनी की कड़ी में धमतरी के ग्राम पंचायत पोटियाडीह के गौठान में 26 अगस्त को वत्स प्रदर्शनी आयोजित की गई। इस में 168 उन्नत नस्ल के वत्स प्रदर्शित किए गए। इस दौरान राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी उपस्थित पशुपालक और चरवाहों को विभाग द्वारा दी गई। बताया गया कि कार्यक्रम के तहत पशुओं में 12 अंक टैग (जो पशुओं का आधार नंबर है) लगाकर इनाफ पोर्टल में पशु एवं पशुपालक का ऑनलाइन पंजीयन किया जाता है। साथ ही पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान कर उसकी तिथि, नस्ल, पशु का प्रकार इत्यादि इनाफ पोर्टल में इन्द्राज किया जाता है। पोटियाडीह में आयोजित वत्स प्रदर्शनी में पशुपालकों को उन्नत किस्म के पशुओं का पालन करने प्रेरित किया गया। इस मौके पर सरपंच, पंच सहित 98 पशुपालक और 10 चरवाहे मौजूद रहे। उप संचालक डॉ.बघेल ने सभी पशुपालकों से अपील की है कि वे अपने पशुओं में टैगिंग एवं कृत्रिम गर्भाधान जरूर कराएं। गौरतलब है कि ज़िले में अब तक कुरूद के गातापार, हंचलपुर, गोजी, बंजारी, धमतरी के सांकरा, पोटियाडीह, आमदी, नगरी के छिपली और मगरलोड के मोहेरा में उन्नत नस्ल के पशु वत्स की प्रदर्शनी लगाई जा चुकी है।