कोटेश्वर महादेव धाम की तपोभूमि में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे जंगल में बहुत से औषधीय पौधे हैं, इनका ज्ञान वैद्यराजों को है, उसे लिपिबद्ध किया जा सके तो आने वाली पीढ़ियों को भी इसका लाभ पहुंचेगा। इसी के मद्देनजर रायपुर स्थित मेडिकल कॉलेज में आज से दो साल पहले दो हजार से अधिक वैद्यराजों का सम्मेलन किया गया था। उनके ज्ञान को संग्रहित करने का काम छत्तीसगढ़ आदिवासी, स्थानीय स्वास्थ्य परम्परा एवं औषधि पादप बोर्ड ने किया और आज के कार्यक्रम में बोर्ड द्वारा तैयार दैनंदिनी वैद्यराजां को वितरित की गई।
गौरतलब है कि नगरी के कोटेश्वर धाम में शंभू शक्ति स्वास्थ्य सामाजिक सेवा संस्थान और आदिवासी परंपरागत प्रमाणित वैद्यराज प्रदेश संघ के संयुक्त तत्वावधान में आज से 13 सितंबर तक पहली बार प्रदेश के पंजीकृत वैद्य ऋषि पंचमी के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं, जिसमे प्रदेश के मुखिया ने भी शिरकत की। इस मौके पर सबसे पहले मुख्यमंत्री ने कोटेश्वर धाम में स्थित हवन कुण्ड में पूजा-अर्चना कर प्रदेश की तरक्की और खुशहाली की प्रार्थना की। इसके बाद वे मंचीय कार्यक्रम में पहुंचे, जहां पारम्परिक वैद्यों के द्वारा सुमरनी गीत से साथ मुख्यमंत्री का अभिवादन किया गया।
मंचीय कार्यक्रम में विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में आमजनों के कल्याण के लिए पूरी लगन से प्रयास किया जा रहा है। बात चाहें उपभोक्ताओं के लिए बिजली बिल हाफ योजना हो या फिर किसानों की कर्ज माफी हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ महतारी के लिए पूर्णतः समर्पित है। इस मौके पर मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हिमालय की पहाड़ियों और छत्तीसगढ़ के जंगलों में सबसे शुद्ध औषधीय महत्व के पौधे पाए जाते हैं। आज कोटेश्वर धाम में पूजा के दौरान उन्होंने पाया कि 60-62 प्रकार की जड़ी-बूटियां यहां उपलब्ध है। उनका मानना है कि पारंपरिक वैद्यराजों के ज्ञान को लोगों तक पहुंचाना और उसका उन्नयन करना आवश्यक है।
गौरतलब है कि नगरी के कोटेश्वर धाम में शंभू शक्ति स्वास्थ्य सामाजिक सेवा संस्थान और आदिवासी परंपरागत प्रमाणित वैद्यराज प्रदेश संघ के संयुक्त तत्वावधान में आज से 13 सितंबर तक पहली बार प्रदेश के पंजीकृत वैद्य ऋषि पंचमी के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं, जिसमे प्रदेश के मुखिया ने भी शिरकत की। इस मौके पर सबसे पहले मुख्यमंत्री ने कोटेश्वर धाम में स्थित हवन कुण्ड में पूजा-अर्चना कर प्रदेश की तरक्की और खुशहाली की प्रार्थना की। इसके बाद वे मंचीय कार्यक्रम में पहुंचे, जहां पारम्परिक वैद्यों के द्वारा सुमरनी गीत से साथ मुख्यमंत्री का अभिवादन किया गया।
मंचीय कार्यक्रम में विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में आमजनों के कल्याण के लिए पूरी लगन से प्रयास किया जा रहा है। बात चाहें उपभोक्ताओं के लिए बिजली बिल हाफ योजना हो या फिर किसानों की कर्ज माफी हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ महतारी के लिए पूर्णतः समर्पित है। इस मौके पर मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हिमालय की पहाड़ियों और छत्तीसगढ़ के जंगलों में सबसे शुद्ध औषधीय महत्व के पौधे पाए जाते हैं। आज कोटेश्वर धाम में पूजा के दौरान उन्होंने पाया कि 60-62 प्रकार की जड़ी-बूटियां यहां उपलब्ध है। उनका मानना है कि पारंपरिक वैद्यराजों के ज्ञान को लोगों तक पहुंचाना और उसका उन्नयन करना आवश्यक है।
कार्यक्रम में मध्यक्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष और सिहावा विधायक डॉ. लक्ष्मी ध्रुव ने अपने उद्बोधन में मुख्यमंत्री श्री बघेल का वनाच्छादित कोटेश्वर धाम की तपोभूमि में हार्दिक अभिनंदन किया और प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही शुरू किए गए राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि-मजदूर न्याय योजना, महिला समूहों की ऋण माफी का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री श्री बघेल के नेतृत्व में सदैव जनकल्याण के लिए तत्पर है। इसके पहले, वरिष्ठ नागरिक शरद लोहाणा ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम में संसदीय सचिव चंद्रदेव राय, नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, प्रदेश दुग्ध महासंघ के अध्यक्ष विपिन साहू, नगर निगम धमतरी के महापौर विजय देवांगन, जिला पंचायत उपाध्यक्ष नीशु चंद्राकर, वरिष्ठ नागरिक मोहन लालवानी, पूर्व सिहावा विधायक अंबिका मरकाम, आईजी पुलिस डॉ. आनंद छाबड़ा, पुलिस अधीक्षक प्रफुल्ल ठाकुर, डीएफओ सतोविशा समाजदार सहित बड़ी संख्या में वैद्यराज, गणमान्य नागरिक और ग्रामीणजन उपस्थित रहे।