धमतरी:: महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोष) अधिनियम 2013 की धारा 4 के अनुसार हर प्राइवेट सेक्टर/संस्थान में आंतरिक परिवाद समिति का गठन किया जाना है। इसके मद्देनजर कलेक्टर पी.एस.एल्मा ने अधिनियम की धारा 4 के अनुसार ऐसे सभी कार्यस्थल पर जहां दस अथवा उससे अधिक श्रमिक नियोजित हो, वह आंतरिक परिवाद समिति का गठन करने के निर्देश नियोजक को दिए हैं। उन्होंने बताया कि आंतरिक समिति में एक पीठासीन अधिकारी, जो कार्यस्थल पर सीनियर लेवल की महिला कर्मचारी होगी, कर्मचारियों में से कम से कम दो सदस्य, जो महिलाओं की समस्याओं के प्रति प्रतिबद्ध हों तथा एक सदस्य, महिलाओं की समस्याओं के प्रति प्रतिबद्ध गैर सरकारी संगठन से होना चाहिए।
अधिनियम की धारा 6 के अनुसार ऐसे संस्थान, जहां दस से कम कर्मचारी होने के कारण आंतरिक परिवाद समिति गठिन नहीं की गई हो अथवा परिवाद नियोजक के विरूद्ध हो, तो परिवाद जिला स्तर पर गठित स्थानीय परिवाद समिति को प्रस्तुत किए जा सकेंगे। गौरतलब है कि अधिनियम की धारा 19 के अनुसार प्रत्येक नियोजक का यह कर्तव्य होगा कि वह कार्यस्थल पर महिलाओं को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराएगा। साथ ही वह उपरोक्तानुसार आंतरिक समिति के गठन के आदेश और उत्पीड़न के दंड को ऐसे स्थान पर प्रदर्शित करेगा, जहां से वह सरलता से दिखाई पड़े। बताया गया है कि अधिनियम की धारा 26 के अनुसार कोई नियोजक यदि आंतरिक समिति का गठन करने में असफल रहता हो अथवा अधिनियम के किन्हीं नियमों का उल्लंघन करता हो तो वह राशि रूपए 50 हजार रूपए तक के जुर्माने से दण्डनीय होगा।
इसके मद्देनजर कलेक्टर ने निर्देशित किया है कि संस्थान में महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोष) अधिनियम, 2013 के अनुसार एक सप्ताह के भीतर लिखित आदेश द्वारा आंतरिक परिवाद समिति का गठन किया जाए। साथ ही आदेश की एक प्रति डाक द्वारा कलेक्टोरेट कार्यालय को प्रेषित करने भी कहा गया है। साथ ही उक्त चिपकाए गए आदेश को वॉट्सएप नंबर पर भी शेयर किया जा सकता है। इसमें नगरपालिक निगम धमतरी, नगर पंचायत नगरी, आमदी, जनपद पंचायत धमतरी एवं नगरी का आदेश की प्रति वॉट्स अप पर श्रम निरीक्षक भावना कौशिक के मोबाइल नंबर 70244-02825 और नगरपालिक निगम धमतरी, नगर पंचायत कुरूद, मगरलोड, भखारा जनपद पंचायत कुरूद एवं मगरलोड वाले श्रम उप निरीक्षक विजेन्द्र चन्द्राकर के मोबाइल नंबर 62638-03607 पर भेजा जा सकता है।
अधिनियम की धारा 6 के अनुसार ऐसे संस्थान, जहां दस से कम कर्मचारी होने के कारण आंतरिक परिवाद समिति गठिन नहीं की गई हो अथवा परिवाद नियोजक के विरूद्ध हो, तो परिवाद जिला स्तर पर गठित स्थानीय परिवाद समिति को प्रस्तुत किए जा सकेंगे। गौरतलब है कि अधिनियम की धारा 19 के अनुसार प्रत्येक नियोजक का यह कर्तव्य होगा कि वह कार्यस्थल पर महिलाओं को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराएगा। साथ ही वह उपरोक्तानुसार आंतरिक समिति के गठन के आदेश और उत्पीड़न के दंड को ऐसे स्थान पर प्रदर्शित करेगा, जहां से वह सरलता से दिखाई पड़े। बताया गया है कि अधिनियम की धारा 26 के अनुसार कोई नियोजक यदि आंतरिक समिति का गठन करने में असफल रहता हो अथवा अधिनियम के किन्हीं नियमों का उल्लंघन करता हो तो वह राशि रूपए 50 हजार रूपए तक के जुर्माने से दण्डनीय होगा।
इसके मद्देनजर कलेक्टर ने निर्देशित किया है कि संस्थान में महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोष) अधिनियम, 2013 के अनुसार एक सप्ताह के भीतर लिखित आदेश द्वारा आंतरिक परिवाद समिति का गठन किया जाए। साथ ही आदेश की एक प्रति डाक द्वारा कलेक्टोरेट कार्यालय को प्रेषित करने भी कहा गया है। साथ ही उक्त चिपकाए गए आदेश को वॉट्सएप नंबर पर भी शेयर किया जा सकता है। इसमें नगरपालिक निगम धमतरी, नगर पंचायत नगरी, आमदी, जनपद पंचायत धमतरी एवं नगरी का आदेश की प्रति वॉट्स अप पर श्रम निरीक्षक भावना कौशिक के मोबाइल नंबर 70244-02825 और नगरपालिक निगम धमतरी, नगर पंचायत कुरूद, मगरलोड, भखारा जनपद पंचायत कुरूद एवं मगरलोड वाले श्रम उप निरीक्षक विजेन्द्र चन्द्राकर के मोबाइल नंबर 62638-03607 पर भेजा जा सकता है।
