डॉ.तुर्रे ने यह भी बताया कि उच्च रक्तचाप को साइलेंट किलर कहा जाता है। दिल-दिमाग में रक्त के बहाव को अनियंत्रित करने वाली यह बीमारी कई बार जानलेवा साबित होती है। उन्होंने बताया कि धमतरी के वयस्कों की 17 फीसदी आबादी रक्तचाप की बीमारी से पीड़ित है। उच्च रक्तचाप पीड़ितों के लिए कोरोना ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है। डब्ल्यू एच ओ एवं आईसीएमआर के आंकड़े बताते हैं कि कोरोना संक्रमण से मरे लोगों में एक तिहाई हाइपरटेंशन से पीड़ित थे। उच्च रक्तचाप के मरीजों में संक्रमण का खतरा उन लोगों की तुलना में अधिक होता है।
बताया गया है कि आईएचसीआई योजना जिले के सभी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर शुरूआत की जानी है। डॉ.तुर्रे ने बताया कि 2025 तक उच्च रक्तचाप से होने वाली मौतों पर 25 फीसदी तक कमी करना इस योजना का उद्देश्य है। साथ ही हाई बीपी के मरीजों को 25 फीसदी तक कंट्रोल करने का लक्ष्य है। इसके लिए उच्च रक्तचाप के मरीजों को बीपी पासपोर्ट कार्ड दिया जाएगा, जिससे फॉलोअप के दौरान उनका बीपी कंट्रोल में है अथवा नहीं पता किया जा सकेगा। उद्घाटन अवसर पर राज्य कार्यक्रम समन्वयक डॉ.सुमी जैन, डब्ल्यूएचओ के राज्य कार्डियो वैस्कुलर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.उर्विन शाह, सिविल सर्जन डॉ.एस.एम.एम.मूर्ति सहित अन्य अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित रहे।