धमतरी::प्रदेश में 21 जून से 05 जुलाई तक गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा मनाया जा रहा है। जिले में आज इसकी शुरुवात आज इतवारी बाजार स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में की गई। इस अवसर पर बच्चों में डायरिया को रोकने और नियंत्रण के लिए नगरनिगम धमतरी के महापौर विजय देवांगन, पार्षद राजेश ठाकुर की मौजूदगी में बच्चों को ओ.आर.एस पैकेट एवं जिंक टेबलेट वितरित किया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.डी.के.तुर्रे ने बताया है कि इस पखवाड़े में सभी स्वास्थ्य केंद्रों में ओ.आर.एस-जिंक कॉर्नर की स्थापना के साथ ही लोगों को डायरिया के बारे में जागरूक करने कई गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। दरअसल डायरिया शून्य से पांच वर्ष तक की उम्र के बच्चों में मृत्यु के मुख्य कारणों में से एक है। इसलिए बीमारी का जल्द इलाज से बाल मृत्यु दर में कमी लाई जा सकती है। गौरतलब है कि ज़िले में एक लाख नौ हजार 126 बच्चे 0 से 5 वर्ष तक की आयुवर्ग के हैं। इन्हें लक्षित कर पखवाड़े में डायरिया से बचाव के लिए ओ.आर.एस और जिंक की उपयोगिता हेतु जनजागरुकता के लिए गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।
स्वास्थ्य विभाग में आई.डी.सी.एफ. नोडल अधिकारी डॉ. विजय फूलमाली ने राज्य शासन से इस पखवाड़े के दौरान आयोजित की जाने वाली गतिविधियों और दिशा-निर्देशों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सभी ए.एन.एम. और मितानिनों को डायरिया केस प्रबंधन, उपचार, काउंसिलिंग पर प्रशिक्षण तथा अभियान के दौरान उनके द्वारा की जाने वाली गतिविधियों और आईडीसीएफ टूलकिट प्रदान किए जाएंगे। साथ ही सभी स्वास्थ्य केन्द्रों की पानी टंकियों की सफाई भी करना होगा। कोरोना संक्रमण के प्रति सतर्कता बरतते हुए विभिन्न माध्यमों के जरिए डायरिया की रोकथाम एवं नियंत्रण की जानकारी का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाएगा। गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा के आयोजन में महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा, आदिवासी विकास, स्वास्थ्य, पंचायत, स्थानीय निकाय तथा विभिन्न विभागों के आपसी समन्वय से काम किया जाएगा। साथ ही निजी अस्पतालों और आई.ए.पी., आई.एम.ए. जैसी निजी एजेंसियों को भी शामिल किया जाएगा।
डॉ. रेहाना कदीर ने इस मौके पर बताया कि गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा के दौरान घर, कुएं और जल-स्रोतों की साफ-सफाई तथा पानी को स्वच्छ रखने के लिए क्लोरीन टेबलेट्स का वितरण सुनिश्चित किया जाएगा। ज्ञात हो कि उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों जैसे ईंट-भट्टा, खानाबदोश स्थल, बाढ़ की संभावना वाले क्षेत्रों, ऐसे उप स्वास्थ्य केंद्र जहां एएनएम उपलब्ध नहीं हैं, प्रवासी मजदूर, सड़क पर रहने वाले बच्चे, मलिन बस्तियों जैसी जगहों पर अधिक ध्यान देने एवं ओ.आर.एस. की पूर्व उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। आईडीसीएफ के दौरान मितानिने छह माह से पांच वर्ष तक की उम्र के बच्चों वाले घरों में ओ.आर.एस. पैकेट का वितरण कर इसके उपयोग के संबंध में सलाह देंगी। साथ ही ओ.आर.एस. घोल बनाने की विधि का प्रदर्शन और साफ-सफाई बनाए रखने प्रेरित करेंगी। वे लोगों को डायरिया प्रकरणों की पहचान, ए.एन.एम. अथवा स्वास्थ्य केन्द्रों पर संदर्भन, डायरिया के लक्षण और खतरों के बारे में भी बताएंगी।