सावन का पवित्र महीना शुरू होने वाला है. यह महीना महादेव का प्रिय महीना माना जाता है. इस महीने लोग विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा करते हैं. खासकर सावन के सोमवार को काफी ज्यादा महत्व है. तमाम लोग सवान के महीने में महादेव के मंदिर जाते हैं. ऐसे में इस दौरान महिलाएं को हरे रंग की साड़ियां, हरे रंग की चूड़ियां का काफी महत्व है. इस खबर में हम आपको बताएंगे कि सावन में क्यों है हरे रंग की चूड़ियां का महत्व.
सावन के महीने में चूड़ियाों की बिक्री बढ़ जाती है. खासतौर पर हरे रंग की चूड़ियां की काफी ज्यादा मांग होती है. दरअसल, सावन के महीने में कई सारे त्योहार पड़ते हैं. जैस कजरी, तीज, हरियाली तीज आदि. ऐस में इन त्योहारों में हरे रंग के कपड़े व हरे रंग की चूड़ियां को पहनने का रिवाज है. साथ ही यह महीना प्रकृति को भी समर्पित है क्योंकि बारिश और बरसात से हर तरफ सारे पेड़-पौधे हरे रंग हो जाते हैं. इसलिए हर कोई हरे रंग को ज्यादा महत्व देता है.
ऐसे में महादेव को समर्पित इस सावन के महीना में सभी सुहागिन महिलाएं मेहंदी, हरे रंग की साड़ी और हरे रंग की चूड़ियां पहनती हैं. माना जाता है कि हरे रंग की चूड़ियां पहनने से जीवन में खुशहाली आती है. साथ ही हर तरफ खुशनुमा माहौल बना रहता है. इसके अलावा हरे रंग के कपड़े पहनने से भी भगवान शिव और विष्णु प्रसन्न होते हैं. इससे पति-पत्नी के बीच अच्छे संबंध और प्यार बढ़ता है.
वहीं, ऐसा माना जाता है कि अगर कुंवारी लड़कियां सावन के महीने में शिव जी कि पूजा करती हैं, तो उन्हें मनचाहा दूल्हा मिलता है. इसलिए कुंवारी लड़कियों को भी सावन के दौरान हरे रंग के कपड़े पहनने चाहिए.