रायपुर: गणेश पर्व पर प्रतिमाओं का विसर्जन नौ सितंबर को अनंत चतुर्दशी पर किया जाएगा। हालांकि, घर-घर में विराजित छोटी प्रतिमाओं के विसर्जन का सिलसिला पांचवें दिन से ही प्रारंभ हो चुका है, लेकिन विधिवत मान्यता के अनुरुप ज्यादातर श्रद्धालु चतुर्दशी तिथि पर ही विसर्जन करेंगे। राजधानी में एक हजार से अधिक बड़ी प्रतिमाएं और 10 हजार छोटी प्रतिमाएं विराजित की गई हैं। ज्यादातर पंडाल वाले गाजे-बाजे, डीजे के साथ प्रतिमाओं को विसर्जन के लिए ले जाते हैं। चूंकि इन दिनों सभी बैंड पार्टी, डीजे की बुकिंग हो चुकी है इसलिए विसर्जन का सिलसिला पांच दिनों तक चलता रहेगा।
दूसरे शहरों से आती हैं झांकियां:-
राजधानी में झांकियां देखने के लिए प्रदेशभर से श्रद्धालु पहुंचते हैं और ज्यादातर झांकियां राजनांदगांव, दुर्ग से लाई जाती है। इन शहरों में नौ सितंबर की रात झांकियां निकाली जाएगी। 10 सितंबर को सुबह तक प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा। इसके बाद इन झांकियों को देर रात तक राजधानी लाया जाएगा। यहां लाकर फिर से झांकी को तैयार किया जाएगा। इसके चलते 11 सितंबर की रात को झांकियां निकलेंगी।
महाभारत-रामायण की थीम पर बन रही झांकी:-
कोरोना महामारी के कारण दो साल से झांकियां नहीं निकाली गई थी। सादगी से विसर्जन किया गया था। समिति के सदस्यों ने उम्मीद जताई है कि इस साल अनुमति मिलने से प्रदेशभर से हजारों लोग झांकी देखने आएंगे। महाभारत और रामायण के विविध प्रसंगों के अलावा रामजन्मभूमि, माता कौशल्या मंदिर से संबंधित झांकियां बनाई जा रही है।
ऐसे करें विसर्जन:-
गणेशजी की मूर्ति के समक्ष ध्यान गणेशजी का महामंत्र ऊं गं गणपत्ये नमो नम: का जाप करें। माला, दूर्वा, नारियल, अक्षत, हल्दी, कुमकुम अर्पित करें। पान, बताशा, लौंग, सुपारी चढ़ाएं। मोदक और लड्डू का भोग लगाएं। धूप, दीप प्रज्वलित करके आरती करें। घर में, पंडाल में विराजित रहने के दौरान किसी भी तरह की भूलचूक के लिए क्षमा मांगे। गणेशजी से वापस अपने लोक में जाने और परिवार पर कृपा बनाए रखने और पुन: अगले साल वापस घर में पधारने की कामना करते हुए जल में प्रवाहित करें।